उसने पुछा तुम मेरे क्या हो?




उसने पुछा
तुम मेरे क्या हो?
मैंने कहा
यह बताना जरूरी नही समझता
.
उसने पुछा
खुशी किसे कहते हो?
हंसकर मैंने कहा
तुम्हें और किसे
.
उसने पुछा
उदासी अच्छी लगती है?
मैंने कहा
हां खुद की
मगर तुम्हारी नही
.
उसने पुछा
डर लगता है कभी?
मैंने कहा
ख्वाब नहीं देखता मैं
.
उसने पुछा
मुझमें क्या पसंद है
मैंने कहा
जो दुनियां को नापसंद है
.
उसने पुछा
क्या चीज बिना सोचकर करते हो
मैंने कहा
तुम पर विश्वास
.
उसने पुछा
क्या चीज को लेकर निश्चित हो
मैंने कहा
तुम्हें एक दिन खोना है
.
उसने पुछा
जिंदगी को कैसे देखते हो?
मैने कहा
तुम्हारी आंखो से
.
उसने कहा
कोई ख्वाइस बताओ अपनी
मैंने कहा
एक नही तीन ख्वाइशें है
खुलकर हंसा करो
अकेले मत रहा करो
और
कभी कभी बात करते रहा करो.

http://vrlovelife.blogspot.in/