Musafir Hun Yaro Song lyrics in hindi

 
मुसाफिर हूँ यारों, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस चलते जाना

एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुड़ा तो साथ साथ राह मुड़ गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना

दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से, शाम से मेरा दोस्ताना 
 
मुसाफिर हूँ यारों, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस चलते जाना 


My Love | My Life